रुपयों की रैलगाडी

क्रिस कारपेंटर की किताब गूगल कैश, अंग्रेज़ी जाननेवालों के लिए है। यह हिन्दुस्तान के छोटे शहर के नौजवान के लिए नहीं है । गरीबी में पलकर बिना अच्छी शिक्षा पाए, यह नौजवान गूगल कैश को नहीं समझ पाता है।

यह ब्लॉग प्रेयत्न करेगा – माफ़ कीजिये, में जितना हो सकेगा उतना आसान भाषा का इस्तेमाल करूँगा। तो, यह ब्लॉग कोशिश करेगा सबसे आसान भाषा में आपको समझाने का कि आसान से आसान तरीके से पैसे कैसे कमाए जाते हैं।

अब तुम्हे लगेगा कि यह भी एक फालतू वेबसाइट है जो कई और वेबसाइट्स की तरह आपको जल्द अमीर बनाने के दावे कर रहा है। अगर आपको ऐसा लगता है तो ज़रा दूसरे वेबसाइट्स देखना और फर्क जानना। कम से कम एक दर्ज़न वेबसाइट्स देखना और फिर इस वेबसाइट पर लौटना। तुम्हें ईन वेबसाइट्स से एक-दो चीज़ों के बारे में पता चल जाएगा लेकिन पुरी जानकारी नहीं मिलेगी। तुम्हें कभी पता नहीं चलेगा कि क्या करने से तुम्हारे बैंक के खातों में पैसा आएगा।

सारे वेबसाइट्स, जो आपको अमीर बनाने के दावे करते हैं, सिर्फ़ यही कहेंगे कि कैसे एक अमेरिकी आदमी करोड़पति बन गया अपनी नौकरी छोड़कर। कैसे एक मन्हात्तन का मनुष्य लाखों रुपैया कमाता है अद्वोर्ड्स लिखकर। और, कैसे अपने घर से काम करके एक महिला अपने पति से भी ज्यादा कमाती है जो एक बड़े बैंक में काम करता है। जहाँ तक इन वेबसाइट्स का सवाल है, आप इनको कचरा बोल सकते हो और इन्हें सीधे कचरे डब्बे में दाल सकते हो।

अब आप जानना चाहेंगे कि यह वेबसाइट का नाम गूगल कैश क्यों है अगर गूगल कैश कचरा है। जैसे कि पहले ही कहा गया है इस लेख में, गूगल कैश अंग्रेज़ी जाननेवालों के लिए है। गूगल कैश कचरा नहीं है। लेकिन हिन्दुस्तान के कम पढे लिखे लोगों के लिए यह कचरे से ज्यादा और कुछ नहीं है। इस ब्लॉग का पता cash rash है। लेकिन इस का नाम गूगल कैश इसलिए रखा गया है ताकि हिन्दुस्तान के कम पढे-लिखे लोग, जो गूगल कैश की रैलगाडी में सवार होना चाहते हैं, को पता चले कि वह आसानी से ऐसा कर सकते है cash rash के प्लेटफॉर्म से।

तो अपनी सीटें रिज़र्व करलें और तय्यार रहे गूगल गांव की करोड़ों की रैलगाडी में सवार होने के लिए।

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